राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत मई 2014 में हुई। इस कार्यक्रम में उन सभी बच्चों को शामिल किया गया है जिनकी उम्र 0 से 18 वर्ष के बीच है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब बच्चों को उच्च चिकित्सा सेवा मुफ्त में प्रदान करना है।
कार्यक्रम का नाम | राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम |
लॉन्च होने की तिथि | मई 2014 |
उद्देश्य | गरीब बच्चों का महंगे इलाज मुफ्त करना |
लाभान्वित | सरकारी स्कूल एवं आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले 0 से 18 साल के बच्चे |
0 से 6 सप्ताह के बच्चों की देख भाल की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता को दिया गया है। 6 हफ्ते से 6 साल तक के बच्चों की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता करेगी। उसके बाद 6 साल से 18 साल तक के बच्चे का देखभाल की जिम्मेदारी जिस स्कूल में बच्चा पढ़ेगा उस स्कूल का प्रबंधन के जिम्मे होगा। इस दौरान बच्चे को होने वाली बीमारी का इलाज मुफ्त किया जायेगा।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 2022 की प्रक्रिया (Rashtriya Bal Swasthya Karyakram 2022)
इस कार्यक्रम के तहत 6 वर्ष तक के बच्चों का साल में दो बार जाँच किया जायेगा। 6 साल से अधिक के बच्चो का साल में एक बार चेकअप किया जायेगा। सरकारी एवं एडेड स्कूल में विभाग द्वारा एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह नोडल अधिकारी स्कूल प्रबंधन द्वारा सुझाये गए अध्यापक होगा। शिक्षण कार्य के दौरान यदि किसी बच्चे में किसी बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो नोडल अधिकारी स्कूल के पैड पर लिखकर जिला अस्पताल भेजेगा। अगर जिला अस्पताल में उसकी चिकित्सा सेवा उपलब्ध न हो, तो उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया जायेगा। बचे के इलाज के दौरान आने वाली सभी खर्च योजना के तहत दिया जायेगा।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 2022 का उद्देश्य (Rashtriya Bal Swasthya Karyakram 2022: Objectives)
- राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य गरीब 0 से 18 साल के बच्चो को मुफ्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना है।
- बाल मृत्यु दर में कमी लाना।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 2022 की विशेषताएँ (Rashtriya Bal Swasthya Karyakram 2022: Features)
- राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मई 2014 में गरीब बच्चों को चिकित्सा सेवा मुफ्त प्रदान करने के लिए क़िया गया।
- इस कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष के बच्चों को रखा गया है।
- इस कार्यक्रम के तहत करीब 30 प्रकार की बीमारियों का मुफ्त इलाज किया जाता है।
- इस कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों में आरबीएस केंद्र भी खोले जाएंगे।
- गरीब बच्चों को सुपर स्पेश्यिल्टी सुविधाएं मुफ्त मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
- इसके तहत बच्चो के दिल की बीमारियां ( दिल में छेद समेत ), काटे-फटे होंठ, टेढ़े- मेढ़े दाँत, बच्चों में जन्मजात सफ़ेद मोतिया टेढ़े पैर (क्लब फुट), विटामिन डी की कमी, सुनने में कमी, श्वांस नली की बीमारियां इत्यादि 30 तरह की बीमारियों का इलाज इस कार्यक्रम के तहत
- राष्ट्रिय बाल स्वास्थ्य योजना के तहत अब गरीब बच्चो का थैलेसीमिया का इलाज भी मुफ्त होगा।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम 2022 महँगे अस्पतालों में मुफ्त किया जायेगा। (Rashtriya Bal Swasthya Karyakram 2022: Free Treatments)
इस् इलाज पर करीब 14 लाख ₹ खर्च आता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ो के मुताबिक वर्ष 2017–18 में आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 0 से 18 वर्ष के 3 लाख बच्चो को इस कार्यक्रम के तहत चेकअप किया गया। इनमे से अलग– अलग तरह की बीमारियों से पीड़ित 2755 बच्चो का आरबीएस कार्यक्रम के तहत इलाज कराया गया। हार्ट के बीमारियों से पीड़ित 97 में से 25 बच्चों का दिल का सफल ऑपरेशन पीजीआई, डीएमसीएच, सीएमसीएच, एयर फोर्टिस हॉस्पिटलों में कराया गया। इस ऑपरेशन पर कई लाख का खर्च आता है। इसी तरह 5 बच्चो के काट–फटे होंठ का ऑपरेशन अमृतसर के मेडिकल कॉलेज से कराया गया। इसी तरह टेढ़े पैरों वाला 20 बच्चो का इलाज कराया गया।
अब थैलेसीमिया पीड़ित बच्चो का बॉन ट्रान्सप्लांट के जरिए इलाज भी इस योजना के तहत लाया गया है। इस इलाज पर 13 से 14 लाख ₹ का खर्च आता है। लेकिन गरीब परिवार के बच्चों को यह इलाज मुफ्त मिलेगा।
सरकारी योजना List 2022 | प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2022 |