प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 (PM Rashtriya Gokul Mission 2022)
सरकार द्वारा एक केंद्रित और वैज्ञानिक तरीको से स्वदेशी पशु पालन को संरक्षण और विकास के लिये राष्ट्रिय गोकुल मिशन को शुरू किया गया। राष्ट्रिय गोकुल मिशन का आरम्भ 25 जुलाई 2014 को की गई थी। इस मिशन में विशेष रूप से 11.3 करोड़ की कम दूध पैदावार वाली गोजातीय आबादी के अनुवांशिक उन्नयन के लिए चुनिंदा प्रजनन के माध्यम से देशी नस्लो के विकास और संरक्षण के लिए 2025 करोड़ ₹ परिव्यय रखा गया। इस परियोजना की अवधि 2014–15 से 2019–20 तक है। 2019–20 के अंतरिम बजट में राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 750 करोड़ ₹ का प्रावधान किया गया है। और गाय के संसाधनों के सतत उन्नयन के लिए तथा गायो के उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए “राष्ट्रिय कामधेनु आयोग” की घोषणा की गई है।
योजना का नाम | रराष्ट्रीय गोकुल मिशन |
लागु होने की तिथि | 25 जुलाई 2014 |
उद्देश्य | वैज्ञानिक और समग्र तरीके से पशु पालन एवं उसका संरक्षण |
लाभ | गरीब किसान एवं पशुपालक को |
योजना राशि | 2550 ₹ |
राष्ट्रिय गोकुल प्रजनन बोवनी प्रजनन और डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत एक केंद्रित परियोजना है। कृषि में बढ़ते हुए मशीनीकरण के साथ-साथ मवेशियों के नस्ल के उद्देश्य के मसौदे की मांग काम हो रही है। इन्ही नस्लो को गोकुल ग्राम व राष्ट्रिय प्रजनन केंद्रों पर भ्रूण स्थानांतरण प्रौधोगिकी और IVF के माध्यम से नाभिक (न्यूक्लियस) झुण्ड बनाकर संरक्षित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 का उद्देश्य (PM Rashtriya Gokul Mission 2022: Objectives)
- वैज्ञानिक और समग्र तरीके से स्वदेशी पशु पालन और संरक्षण को बढ़ावा देना।
- स्वदेशी नस्लो का उत्पादकता बढ़ाने और पशु उत्पादकों का आर्थिक रूप से लाभ बढ़ाने के उद्देश्य से।
- प्राकृतिक सेवा के लिए उच्च अनुवंशिक योग्यता वाले सांढ़ का वितरण।
- स्वदेशी नस्लो के उच्च आनुवंशिकता योग्यता वाले बैलों का प्रचार करना।
- दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना।
- प्रजनन कवरेज को बढ़ने तथा प्रजनन नेटवर्क को मजबूती प्रदान करने के लिए।
- गिर, साहीवाल, राठी, देवनी, लालसिंधी, थारपारकर जैसी कुलीन नस्लो का उपयोग करते हुए गैर विवर्णित मवेशियों को उत्त्पन्न करना।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 के अंतर्गत धन का वितरण (PM Rashtriya Gokul Mission 2022)
- गोकुल मिशन के अंतर्गत एकीकृत पशु केंद्र जैसे – गोकुल ग्राम बनाना।
- उच्च आनुवंशिकता क्षमता वाले स्वदेशी नस्ल के संरक्षण के लिए बुल मदर्स फॉर्म को मजबूत करना।
- प्रजनन तंत्र में क्षेत्र प्रदर्शन रिकॉर्डिंग (FPR) का स्थापना करना।
- जर्म प्लाज्म संरक्षण संस्थानों/संगठनों को सहायता प्रदान करना।
- बड़ी आबादी के साथ स्वदेशी नस्ल के लिए वंशावली कार्यक्रम।
- ब्रीडर्स सोसाइटी गोपालक संघ बनाना।
- स्वदेशी नस्ल के कुलीन पशुओं को रखने में सहायता करना।
- बछिया पालन कार्यक्रम, किसानों को पुरस्कार(गोपाल रत्न) और ब्रीडर्स सोसाइटी (कामधेनु) बनाना।
- स्वदेशी नस्ल के लिए समय-समय पर दुग्ध प्रतियोगिता करवाना।
- स्वदेशी पशु विकास कार्यक्रम संचालित करने वाले संस्थानों में काम करने वाले तकनीकी और गैर तकनीकी लोगो के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था करना।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 कार्यक्रम (PM Rashtriya Gokul Mission 2022: Programs)
यह मिशन राज्यो के पशुधन विकास बोर्ड जैसे संस्थानों के माध्यम से चलाया जाता है। इस योजना के लिए फंड एकीकृत स्वदेशी पशु केंद्र, गोकुल धाम की स्थापना के लिए दिया जाता है।
स्वदेशी पशु विभाग में सर्वश्रेष्ठ जर्म्प्लाज्म के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एजेंसियों जैसे सीसीबीएफ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि या पशुपालन विश्वविद्यालय, कॉलेज, सहकारी समितियां और गौशालाएँ इनमे प्रतिभागी एजेंसीयां हैं।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2022 की विशेषताएं (PM Rashtriya Gokul Mission 2022: Features)
गोकुल ग्राम वास्तव में एक आर्थिक संसथान के तर्ज पर जिसमे निम्नलिखित चीजो के बिक्री के आधार पर आर्थिक संसाधन पैदा किया जा सकता है।
- दुग्ध
- जैविक खाद
- केचुआ खाद
- मूत्र डिस्टिलेट
- बायो गैस से बिजली उत्पादन (घरेलु उपयोग के लिए)
- पशु उत्पादों की बिक्री
ये गतिविधियां गोकुल ग्राम को आत्मनिर्भर बना रही है। इससे राष्ट्रिय गोकुल मिशन की सफलता सुनिश्चित करने में बहुत मदद मिल रही है।
सरकारी योजना List 2022 | प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2022 |
sir rathariy gokul mission ki list bhi aa gyi he fir trèning Kyo nhi de rhe he