मछली पालन की जानकारी | मछली पालन 2022 | Fish Farming 2022 | Machli Palan Ki Jankari 

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    Fish Farming in Hindi
    Fish Farming in Hindi

    पशु पालन, मुर्गी पालन के अलावा भारत सरकार मछली पालन (Fish Farming) के लिए भी लोगों को उत्साहित कर रही है, विशेष करके ग्रामीण इलाकों तथा किसानों को मछली पालन की तरफ प्रेरित किया जा रहा है, ताकि लोग फिश फार्मिंग को एक सहायक धंदे के रूप में शुरू कर सकें और आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकें। मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) में मछली पालन (Fish Farming) को भी शामिल कर दिया है ताकि किसान खेती के साथ मछली पालन का काम शुरू करके अपनी कमाई में इजाफा कर पाएं। मछली पालन का काम करने के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार भी लोगों को बहुत ही कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराती है।

    कई गांवो में और शहरों में मछली पालन करके मत्स्य पालन के उद्योग को बड़े पैमाने पर विकसित किया जा रहा है। पूरे भारत में मछली पालन के लिए जलवायु भी अनुकूल है और पूरे विश्व में भारत को मत्स्य पालन में दूसरा स्थान हासिल है। मत्स्य पालन की बढ़ती मांग का कारण मछली को ही सबसे ज्यादा प्रोटीन का स्रोत माना जाता है। मछली से कई तरह के उत्पाद प्राप्त होते हैं जिनमें मांस, मछली का तेल आदि प्रमुख है। इसलिए विश्व स्तर पर मछली की मांग है और फिश फार्मिंग एक लोकप्रिय रोज़गार का साधन है।

    अपने खुद के तालाब (Fish Pond) या किराए पर तालाब लेकर मछली पालन का काम किया जा सकता है,जिसके लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग योजनाओं के तहत लोन दिए जा रहे हैं तथा फिश फार्मिंग के लिए शुरू करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किये गए हैं ताकि लोगों को मछली पालन से संबंधित साड़ी जानकारी प्राप्त हो सके और वह निसंकोच मछली पालन शुरू करके इस को कमाई के साधन के तौर पर इस्तेमाल कर सकें।

    पाली जाने वाली मछलियों की प्रजातियां | मछली पालन 2022 | Fish Farming 2022 | Machli Palan ke Liye Machhli ki Prajati

    • कतला
    • रेहू
    • म्रिगल
    • ग्रास कार्प
    • सिल्वर कार्प
    • कामन कार्प

    इन मछलियों इन मछलियों की बाजार में कीमत 200 से 400 रुपये किलो तक है। मछली पालन का काम ठहरे हुए पानी और बहते हुए पानी में किया जा सकता है। बहते हुए पानी में मछली पालन को रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम‘ (आरएएस) कहा जाता है। ठहरे हुए पानी में मछली पालन का काम मैदानी इलाकों में किया जाता है।

    फिश फार्मिंग को शुरू करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए :-

    • तालाब में मछली बीज डालने के 25 दिन में मछली की फसल तैयार होती है
    • मछली के बीज किसी भी हैचरी या फिश फार्मिंग के संस्थान से खरीदे जा सकते हैं।
    • देश के हरेक राज्य के जिलों में मछली पालन विभाग होते हैं, जहां से मछली पालन की सारी ट्रेनिंग प्राप्त की जा सकती है और यह संस्थान मछली पालकों को हर तरह की मदद मुहैया करवाते हैं।
    • यदि मछली पालन को वैज्ञानिक तरीके (scientific way) से किया जाये, तो किसानो को बहुत ही अच्छी उत्पादन मिलती है और कम पूंजी से जायदा मुनाफा कमाया जा सकता है।

    मछली पालन के फायदे | मछली पालन व्यवसाय | Machli Palan Ka Benefit

    • मछली को छोटे तालाब या पोखर में पाला जा सकता है, जिसमें कम खर्चा होता है और मुनाफा ज्यादा होता है।
    • अगर बड़ा तालाब नहीं है, तो वैज्ञानिक तरीके से भी छोटे छोटे सीमेंट के साइज के गोलाकार में मछली पालन किया जा सकता है।
    • नस्ल के हिसाब से 4 से 7 महीनो के अन्दर मछलियों का वजन 1 kg से लेकर 5 kg तक बढ़ जाता है।
    • मछलियों का बाजार रेट बहुत अच्छा मिलता है, जिससे काफी मुनाफा कमाया जा सकता है।

    फिश फार्मिंग के लिए तालाब प्रबंधन | Fish Farming Ponds

    मछली पालन के लिए तालाबो की तैयारी बरसात (preparation of pound) से पहले कर लेनी चाहिए। फिश फार्मिंग के लिए तलाबो के प्रबंधन को 3 भागों में विभजित किया गया है, जिसकी जानकारी निम्नलिखित प्रकार है:-

    संचयन से पहले का प्रबंधन

    मछली के बीज संचयन से पहले का प्रबंधन का अर्थ होता है तलाब की तैयारी। मछली बीज डालने से पहले विशेषज्ञों से ट्रेनिंग ले कर तालाब को तैयार करके मछली पालन का काम आरम्भ किया जा सकता है।

    संचयन के समय का प्रबंधन

    मछली के बीज का संचय के समय का प्रबंधन में मछली की प्रजाति, मछली की संख्या, मछली का वजन, मछली की लम्बाई और किस समय में मछली की बीज डाले जायेंगे, इन सब बातों का धयान रखना होता है।

    संचयन के बाद का प्रबंधन

    मछली बीज डालने के पश्चात देखभाल करना भी बहुत एहम होता है, इसकी सारी जानकारी भी मछली पालन विभाग से प्राप्त की जा सकती है।

    फिश फार्मिंग शरू करने के लिए लोन | Fish Farming Loan 2022

    मछली पालन के प्रोजेक्ट में लगभग 20 लाख रुपये तक की लागत आती है, इसमें केवल 5 लाख रुपये का इंतजाम करना पड़ता है। केंद्र सरकार मछली पालने के लिए कुल लागत का 75 फीसदी तक लोन अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत मुहैया कराती है और इस लोन में कुछ सब्सिडी भी मिलती है।

    फिश फार्मिंग शरू करने के लिए लोन के लिए आवेदन | Fish Farming Loan Application 2022

    • फिश फार्मिंग शरू करने के लिए राज्य सरकारों अथवा केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं के तहत लोन प्राप्त किया जा सकता है।
    • लोन के लिए किसी भी सरकारी, गैर सरकारी या अर्ध सरकारी बैंक से संपर्क किया जा सकता है।
    • इसके अतिरिक्त मछली पालन संस्थानों से भी संपर्क करके लोन के लिए मदद ली जा सकती है।

    फिश फार्मिंग एक ऐसा व्यवसाय है, जिसकी विश्व स्तर पर भी बहुत मांग है। इसी मांग को देखते हुए भारत सरकार ने भी बहुत से यत्न किये हैं और बहुत सरे लोगों को इस काम से जोड़ा है, जो भी लोग मछली पालन शुरू करना चाहते हैं, उन्हें अवश्य लोन के लिए अप्लाई करके काम शुरू कर देना चाहिए।

    सरकारी योजना List 2022 प्रधानमंत्री सरकारी योजना 2022

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