Delhi Marriage Certificate | दिल्ली मैरिज सर्टिफिकेट 2023

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Delhi Marriage Certificate
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मैरिज सर्टिफिकेट एक कानूनी दस्तावेज है, इस दस्तावेज की मदद से विवाह को वैद्य करार किया जाता है। इसके अलावा मैरिज सर्टिफिकेट की आवश्यकता कई जगहों पर पड़ती है। 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने महिला सुरक्षा के लिए विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया था, तब से मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करना आवश्यक हो गया है। विवाह प्रमाण पत्र एक आधिकारिक बयान है कि दो लोग विवाहित हैं।

शादी को पंजीकृत करना और वैध विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त करना भी शादी करने के आवश्यक पहलू हैं। इसलिए, अलग-अलग राज्यों में मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। जिनका इस्तेमाल करके शादीशुदा जोड़ा मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।

भारत में मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए दो प्रकार के अधिनियम बनाए गए हैं- हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम। इन दोनों अधिनियमों के अंतर्गत ही मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया जा सकता है। इन दोनों अधिनियम का वर्णन कुछ इस प्रकार है।

हिंदू विवाह अधिनियम, 1955

पति पत्नी दोनों यदि एक ही धर्म से संबंधित हो तो वह हिंदू विवाह अधिनियम के अंतर्गत मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।

विशेष विवाह अधिनियम, 1954 

पति पत्नी दोनों अलग-अलग धर्मों से संबंधित हो तो वह विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।

दिल्ली में भी मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए ऑफलाइन तथा ऑनलाइन दोनों प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। ऑफलाइन मैरिज सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए मजिस्ट्रेट के पास अर्जी दाखिल करनी पड़ती है, जबकि दूसरी तरफ ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट पर जाना होता है।

दिल्ली मैरिज सर्टिफिकेट के आवेदन के लिए पात्रता | Delhi Marriage Certificate : Eligibility 

  • सभी वर्गों से संबंधित विवाहित दंपति मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • पति-पत्नी दिल्ली के मूल निवासी हैं या उनके पास दिल्ली के भीतर एड्रेस प्रूफ होना आवश्यक है।
  • हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार दोनों पति-पत्नी को हिंदू, बौद्ध, सिख या जैन होना चाहिए।
  • शादीशुदा दंपति स्वतंत्र रूप से बिना किसी भय आक्रामकता के वैद्य सहमति से मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • मैरिज सर्टिफिकेट के लिए पुरुष की उम्र 21 और महिलाओं की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
  • जब तक क़ानून की अनुमति नहीं है तब तक पति-पत्नी किसी भी प्रकार के निषिद्ध संबंधों से नहीं होने चाहिए।
  • मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करते समय एक गवाह भी साथ में लाना होता है, उस गवाह के पास वैद्य आधार कार्ड और पैन कार्ड होना अनिवार्य है।
  • यदि लड़का या लड़की दोनों में से किसी की शादी दूसरी शादी है, तो उसको तलाकशुदा या मृतक प्रमाण पत्र जमा करवाना आवश्यक होता है।
  • हिंदू, जैन, बौद्ध या सिख परंपराओं के अनुसार जोड़े हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत हो सकते हैं।
  • इसके अलावा, सिख विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी को पंजीकृत करने का विकल्प चुन सकते हैं।

दिल्ली मैरिज सर्टिफिकेट पंजीकरण का शुल्क | Delhi Marriage Certificate Fee

  • हिंदू अधिनियम का पालन करने वाले दंपति को विवाह पंजीकरण के लिए ₹100 जमा करवाने होते हैं।
  • विशेष विवाह अधिनियम के अनुसार शादी हो तो विवाह पंजीकरण के लिए 150 रुपए जमा करवाने होते हैं।
  • विवाह पंजीकरण का शुल्क कैशियर के पास जमा करवाना होता है।
  • शुल्क जमा करवाने के पश्चात कैसेट द्वारा एक रसीद दी जाती है।
  • इस रसीद को रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा किया जाता है।

विवाह प्रमाण पत्र के लाभ | Delhi Marriage Certificate Uses and Benefits

  • शादी के बाद पासपोर्ट बनवाने के लिए विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है।
  • विवाहित दंपति को वीजा प्राप्त करने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यकता विवाह प्रमाण पत्र की ही पड़ती है।
  • भारत के साथ-साथकई अंतरराष्ट्रीय देश ऐसे हैं जहां पर यदि कोई विवाहित दंपति वीजा के लिए अप्लाई करता है तो उस दंपति को विदेश यात्रा के लिए विवाह प्रमाण पत्र जमा करवाना आवश्यक होता है। कई देश पारंपरिक विवाह को मान्यता नहीं देते, उस समय विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है।
  • बीमा पॉलिसी प्राप्त व्यक्ति के निधन के पश्चात उस पॉलिसी को क्लेम करने के लिए विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है।
  • किसी भी तरह की रुकावट आने पर पत्नी अपने पति की जायदाद पर तभी हक जता सकती है जब उसके पास मैरिज सर्टिफिकेट उपलब्ध हो।

दिल्ली मैरिज सर्टिफिकेट आवश्यक दस्तावेज | Delhi Marriage Certificate: Required Documents

  • आयु प्रमाण: मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्रआदि
  • पते का सबूत
  • आधार कार्ड
  • निर्धारित प्रारूप में शपथ पत्र
  • दो पासपोर्ट साइज फोटो
  • शादी की तस्वीर
  • शादी का निमंत्रण कार्ड
  • पुजारी से प्राप्त प्रमाण पत्र

दूल्हा और दुल्हन से अलग हलफनामा: दूल्हा और दुल्हन दोनों की तरफ से एक हलफनामा भी जमा करवाना होता है।

  • इस हलफनामे में जन्म की तारीख, वर्तमान वैवाहिक स्थिति: अविवाहित / विधुर / तलाकशुदाकी जानकारी देनी होती है।
  • विशेष विवाह अधिनियम में परिभाषित निषिद्ध संबंध की डिग्री के भीतर पक्ष एक दूसरे से संबंधित नहीं हैं, की भी जानकारी देनी होती है।
  • दोनों की तरफ से दो पासपोर्ट साइज फोटो जो कि राज राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित की गईहो, को अटैच करना होता है।
  • विधवा / विधुर के मामले में पति / पत्नी के तलाक और मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में तलाक की डिक्री / आदेश की प्रति भी अटैच करनी होती है।

ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

हिंदू अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण के लिए: 

  • विवाहित दंपति को अपनेनजदीकी उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के कार्यालय में आवेदन करना होता है।
  • पति और पत्नी दोनों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित आवेदन पत्र भरने के पश्चात कुछ दस्तावेज अटैच करने होते हैं।
  • सभी दस्तावेजों को विभागीय अधिकारी द्वारा सत्यापित करने के बाद नियुक्ति के लिए एक दिन दे दिया जाता है जिस दिन पंजीकरण के लिए पार्टियों को मजिस्ट्रेट कार्यालय में आना होता है।
  • निर्धारित दिन पर दोनों पक्षों के गवाह अपने दस्तावेजों के साथ पहुंच करअधिकारी के पास हस्ताक्षर करते है।
  • इसके पश्चात सारी वेरिफिकेशन होने के बाद उसी दिन मैरिज सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाता है।

दिल्ली मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया | Delhi Marriage Certificate: Registration Process

  • हिंदू, जैन, बौद्ध या सिख हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी को पंजीकृत करने का विकल्प चुन सकते हैं। हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकरण करवाने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे।
  • आवश्यक दस्तावेजों को इकट्ठा करके, शपथ पत्र बनाकर विवाह पंजीयक कार्यालय में आवेदन पत्र और आवश्यक दस्तावेज जमा करवाने होते हैं।
  • इसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय में अपॉइंटमेंट लेने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
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  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के पश्चात भौगोलिक अधिकार क्षेत्र के अनुसार अपने जिले का चयन करना होगा।
  • चयन करने के पश्चात विवाहित जोड़े को अपनी सारी जानकारी भरनी होगी।
  • जानकारी भरने के पश्चातमैरिज सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन https://edistrict.delhigovt.nic.in/in/en/Receiving/CzAvaiableServicesAtCitizen.html का विकल्प चुनना होगा।
  • विकल्प के चयन के पश्चात आवश्यक जानकारी भरनी होगी।
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  • नियुक्ति की तारीख का चयनकरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करके आवेदन पत्र जमा करना होगा।
  • आवेदनफॉर्म जमा होने के पश्चात एक पावती प्राप्त होगी।
  • इस पावती का प्रिंटआउट लेकर संभाल कर रखना होगा क्योंकि इस पावती को रजिस्ट्रार कार्यालय में निश्चित दिन पर लेकर जाना होता है।
  • निश्चित दिन पर रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर तैयार की हुई फाइल तथा शपथ पत्र, आवेदन पत्र की पावती के साथ जमा करवाने होते हैं।
  • विवाहित दंपति और गवाह दोनों कीउपस्थिति में सारी वेरिफिकेशन की जाती है।
  • इसके पश्चात विभागीय अधिकारी द्वारा विवाह प्रमाण पत्र के लिए अप्रूवल दे दिया जाता है।
  • अप्रूवल मिलने के पश्चात 15 दिन के अंदर अंदर मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त हो जाता है।

विशेष विवाह अधिनियम

यदि पति पत्नी के धर्म में अंतर है और वह हिंदू अधिनियम के तहत आवेदन नहीं करना चाहते, तो वह विशेष विवाह अधिनियम का उपयोग करके मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। विशेष अधिनियम के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे।

ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया

  • विवाहित दंपति को अपनेनजदीकी उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के कार्यालय में आवेदन करना होता है।
  • पति और पत्नी दोनों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित आवेदन पत्र भरने के पश्चात कुछ दस्तावेज अटैच करने होते हैं।
  • सभी दस्तावेजों को विभागीय अधिकारी द्वारा सत्यापित करने के बाद नियुक्ति के लिए एक दिन दे दिया जाता है, जिस दिन पंजीकरण के लिए पार्टियों को मजिस्ट्रेट कार्यालय में आना होता है।
  • निर्धारित दिन पर दोनों पक्षों के गवाह अपने दस्तावेजों के साथ पहुंच करअधिकारी के पास हस्ताक्षर करते है।
  • इसके पश्चात सारी वेरिफिकेशन होने के बाद 60 दिनों के अंदर मैरिज सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाता है।

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

  • आवश्यक दस्तावेजों को इकट्ठा करके, शपथ पत्र बनाकर विवाह पंजीयक कार्यालय में आवेदन पत्र और आवश्यक दस्तावेज जमा करवाने होते हैं।
  • इसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय में अपॉइंटमेंट लेने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के पश्चात भौगोलिक अधिकार क्षेत्र के अनुसार अपने जिले का चयन करना होगा।
  • चयन करने के पश्चात विवाहित जोड़े को अपनी सारी जानकारी भरनी होगी।
  • जानकारी भरने के पश्चातमैरिज सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन का विकल्प चुनना होगा।
  • विकल्प के चयन के पश्चात आवश्यक जानकारी भरनी होगी।
  • नियुक्ति की तारीख का चयनकरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करके आवेदन पत्र जमा करना होगा।
  • आवेदनफॉर्म जमा होने के पश्चात एक पावती प्राप्त होगी।
  • इस पावती का प्रिंटआउट लेकर संभाल कर रखना होगा क्योंकि इस पावती को रजिस्ट्रार कार्यालय में निश्चित दिन पर लेकर जाना होता है।
  • निश्चित दिन पर रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर तैयार की हुई फाइल तथा शपथ पत्र, आवेदन पत्र की पावती के साथ जमा करवाने होते हैं।
  • विवाहित दंपति और गवाह दोनों कीउपस्थिति में सारी वेरिफिकेशन की जाती है।
  • रजिस्ट्रार नोटिस में 30 दिन का समय दिया जाएगा, यदि किसी भी व्यक्ति को आपत्ति हो, तो इस समय के भीतर है वह संपर्क कर सकता है।
  • 30 दिनों के पश्चात एक और अपॉइंटमेंट बुक की जाती है।
  • गवाह की उपस्थिति में दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद विवाह पंजीकृत किया जाता है।
  • 60 दिनों के भीतर विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाता है।

तातकालविवाह प्रमाण पत्र

  • दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने 22 अप्रैल, 2014 में, तत्काल विवाह प्रमाण पत्र प्रदान करने की सेवा शुरू की। इसमें विवाह प्रमाण पत्र 24 घंटे के भीतर नागरिकों को प्रदान कर दिया जाता है।
  • तत्काल विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ₹10000 की फीस जमा करवानी होती है।

दिल्ली में विवाह पंजीयक कार्यालय

  • उत्तरी दिल्ली – 1, कृपा नारायण मार्ग, दिल्ली।
  • पूर्वी दिल्ली – I & F कार्यालय परिसर, LM बंध, गीता कॉलोनी, दिल्ली
  • दक्षिणी दिल्ली – एमबी रोड, बी.डी.ओ. ऑफिस, अनुपम अपार्टमेंट के पास, साकेत, नई दिल्ली- तहसील बिल्डिंग, महरौली, नई दिल्ली
  • पश्चिम दिल्ली – ओल्ड मिडिल स्कूल बिल्डिंग, रामपुरा, लॉरेंस रोड
  • मध्य दिल्ली – एसडीएम कार्यालय, करोल बाग-झंडेवालान, नई दिल्ली
  • नई दिल्ली – जाम नगर हाउस, इंडिया गेट के पास, नई दिल्ली
  • साउथ-वेस्ट दिल्ली – ओल्ड टर्मिनल टैक्स बिल्डिंग, कापसहेड़ा, दिल्ली
  • नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली – वीवर्स कॉम्प्लेक्स, नंद नगरी, दिल्ली
  • उत्तर-पश्चिम दिल्ली – बवाना रोड, कंझावला, दिल्ली

मैरिज सर्टिफिकेट एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है। वर्तमान समय में कानूनी तौर पर उसी दंपति को विवाहित माना जाता है, जिस दंपति के पास मैरिज सर्टिफिकेट हो। मैरिज सर्टिफिकेट के बिना वीजा तक के लिए अप्लाई भी नहीं किया जा सकता। इसके अलावा बीमा पॉलिसी क्लेम करने के लिए भी मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य होता है।

आज के समय में उसी शादी को उचित करार दिया जाता है, जिस शादी में मैरिज सर्टिफिकेट कानूनी तौर पर बनवाया गया होता है। इसलिए सभी विवाहित दंपतियों को मैरिज सर्टिफिकेट के लिए अवश्य अप्लाई करना चाहिए।

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